क्या आपको जाति से प्रेम है और आरक्षण से घृणा ?

जातिगत आरक्षण का विरोध करने वाले कह रहे हैं कि आरक्षण के कारण अयोग्य लोग सरकारी अधिकारी डाक्टर और वैज्ञानिक बन गये हैं। ..तो जातिगत आरक्षण के कारण अधिकारी डाक्टर या वैज्ञानिक बने किसी अयोग्य का उदाहरण देने का कष्ट करेगा कोई?

लेकिन याद रखना फिर मैं अयोग्य ब्राह्मणों, अयोग्य ठाकुरों और अयोग्य बनियों की सूची भी जारी करूँगा, जो पारिवारिक जान पहचान या पैसे के दम पर बड़ी बड़ी नौकरियों पर काबिज हैं और भयंकर भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं तथा देश और समाज के द्रोही हैं।

इसलिये जाति समाप्त करने की मुहीम में जुडिये। जाति के रहते आरक्षण समाप्त करने की मांग असामाजिक और क्रूर मांग है। आरक्षण तो आबादी में विभिन्न जातियों के अपने हिस्से के बराबर ही नौकरी में उनका हिस्सा देने में मदद करने के लिये है।

प्रतीकात्मक तस्वीर स्क्रॉल से साभार।

ये अलग बात है कि ज्यादातर आरक्षित पदों पर भी बड़ी जातियों का कब्ज़ा है। आरक्षित जातियों में शिक्षा का विकास नहीं हुआ, इसलिये वो तो अभी तक अपने हिस्से की नौकरियाँ भी नहीं पा सके हैं।


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