रवांडा की पार्लियामेंट में महिलाओं का
प्रतिनिधित्व दुनिया के किसी भी देश से अधिक है। उसने अपने पहले के रिकॉर्ड (64%)
को तोड़ते हुए आज 67.5% कर दिया। इसका एक कारण ये भी है कि रवांडा ने 1959 और 1994
में दो भीषण जनसंहार झेल चुका है। वहां अब लोगों में ये बात घर करने लगी है कि
महिलायें होंगी तो युद्ध अथवा जनसंहार (जेनोसाइड) जैसी आशंका कम होगी। ध्यान दें
भारत की सांसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 11% है।
आओ कुछ बातें जानते हैं रवांडा के बारे में:
यहाँ स्वच्छता को लेकर बेहद जागरूकता है।
किगाली (रवांडा की राजधानी) दुनिया की सबसे साफ़ सुथरी राजधानी है। यहाँ प्लास्टिक
पॉलिथीन निषेध है।
यहाँ सड़क पर चप्पल पहनकर चलना मना है क्योंकि
ये हाइजीनिक नहीं होता। इससे गंदगी इधर-उधर, दूसरे लोगों तक जल्दी फैलती है।
यहाँ लॉन (घास) पर चलकर पार करना अपराध है। ये
प्रकृति की हरियाली बचाए रखने के सैकड़ों तरीकों में से एक तरीका है। ये उनकी
आदिवासी संस्कृति की खूबसूरती है।
हर महीने के आख़िरी शनिवार को यहाँ देश के सभी
वयस्क नागरिकों द्वारा कम्युनिटी सर्विस किया जाता है जैसे सड़कों-गलियों की सफ़ाई
और गरीब लोगों के घरों का सार्वजनिक निर्माण व मरम्मत।
एक और बात राजधानी किगाली में बाइक टैक्सी चलती
है। यहाँ तो लूट के भाग जायें लोग। भरोसे ईमानदारी की बात है।
– तारा शंकर की वॉल से साभार।